कार्यानुभव
एक अभिभावक अपने पाल्य को बाल्यकाल से ही उसे बेहतर जीवन देने के भावों से सींचता है – इसी क्रम में दूसरे ही नंबर पर एक प्राथमिक शिक्षक को उन बहुसंख्यक अभिभावकों के भावों को एक वास्तविक और मजबूत आधार देते हुए देश और समाज की इस भावी पीढ़ी को एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित करने की जिम्मेदारी मिलती है।
प्रथम नियुक्ति तिथि 7 मार्च 2003 से ही… कार्य-व्यवहार के लगभग 20 वर्ष पूरे करने से ठीक 5 वर्ष पूर्व वर्तमान कार्य स्थल-कम्पोजिट स्कूल माऊरबोझ घोसी मऊ में दिनांक 02 अप्रैल 2018 को मैं पदस्थापित हुआ। उस समय की वर्तमान छात्र संख्या-56 से प्रारंभ करते हुए वर्तमान में कुल 633 छात्र नामांकित हैं। पूर्व सत्र 2021-2022 में ही जब छात्र संख्या 567 थी तभी SMC बैठक में यह निर्णय हो गया था कि प्रत्येक कक्षा-कक्ष में औसतन 70 छात्र हो जाने एवं प्रार्थना स्थल के अलावा कोई अतिरिक्त जगह न होने के कारण 567 से अधिक नामांकन अब ना हो सकेगा। परंतु कुछ प्रबुद्ध अभिभावक गण के आग्रह पर सत्र (2022-23) में 606 तथा वर्तमान में 633 हो गई। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना यह रही कि अभिभावकों एवं गणमान्य जन द्वारा जन सहयोग से प्रार्थना स्थल पर 35*45 फीट का एक भव्य ‘मल्टी पर्पज शांति शेड’ का निर्माण लगभग Rs. 438700 की लागत से किया गया जो विद्यालय की अनेकों चुनौतियों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रहा है।
शिक्षक के कार्यों पर ऐसे विश्वास की सबसे मजबूत कड़ी है पूर्व कार्यानुभव के आधार पर “बाल न्यूज़ सेंटर” की स्थापना- 31 अक्टूबर 2019 को गुजरात के नर्मदा जिले में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब “स्टैचू ऑफ यूनिटी” का उद्घाटन कर रहे थे… इस प्रेरक परिघटना के अंतर्गत विद्यालय में आयोजित छात्र सभा द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन आदर्शों- त्याग, बलिदान और परिश्रम जैसे मानवीय मूल्यों को शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करने की शपथ ली जा रही थी। इस वृहद प्लेटफार्म पर छात्रों में आत्मविश्वास संवर्धन, त्याग, धैर्य, ईमानदारी,लगन जैसे भावों के सृजन पर आधारित कार्यशाला प्रतिदिन आयोजित होती हैं जो शिक्षा के मूल उद्देश्य-अच्छे और जिम्मेदार नागरिक पैदा करने की भावना से अभिप्रेरित है।
प्रत्येक कार्यदिवस पर भिन्न-भिन्न छात्र समूह द्वारा “बाल न्यूज़ सेंटर” की गतिविधियों में भाग लेना, संबंधित वीडियो को उसी दिन अभिभावक व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा जाना, छात्र और अभिभावक के लिए गर्व का विषय होने के साथ-साथ अध्यापक के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय बनता है क्योंकि वह छात्र, समाज और देश के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करते हुए महसूस करता है।
धन्यवाद
PRADEEP KUMAR VERMA